शेयर बाजार खुलते ही धड़ाम, Sensex में 400 अंक से ज्यादा की आई गिरावट
शेयर बाजार की शुरुआत कारोबारी हफ्ते के अंतिम दिन खराब रही। Sensex 59,126 अंक के कल के बंद स्तर से 400 अंक से ज्यादा नीचे खुला। BSE के मेन इंडेक्स में 58,889 अंक के स्तर पर खुलने के बाद सिर्फ 4 शेयरों में तेजी देखी गई। Sensex के मुख्य शेयरों में Powergrid, M&M, NTPC और Bajaj Auto हरे निशान के ऊपर थे। खबर लिखे जाने तक Sensex 477 अंक नीचे 58,648 पर कारोबार कर रहा था। वहीं Nifty 50 17,495 अंक पर कारोबार कर रहा था। इसकी शुरुआत कल के बंद स्तर 17,618 से नीचे 17,531 पर हुई।
इससे पहले गुरुवार को शेयर बाजारों में लगातार तीसरे दिन गिरावट रही और बीएसई सेंसेक्स 287 अंक लुढ़क कर बंद हुआ। वैश्विक स्तर पर वृहद आर्थिक चिंता के बीच नरम रुख के चलते निवेशक जोखिम वाली संपत्ति से अपना निवेश बाहर निकाल रहे हैं, जिसका असर घरेलू शेयर बाजार पर पड़ा। कारोबारियों के अनुसार डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में लगातार पांचवें दिन गिरावट से भी धारणा पर असर पड़ा।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 286.91 अंक यानी 0.48 प्रतिशत की गिरावट के साथ 59,126.36 अंक पर बंद हुआ। पिछले तीन दिन में सूचकांक 951.52 अंक टूट चुका है। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 93.15 अंक यानी 0.53 प्रतिशत टूटकर 17,618.15 अंक पर बंद हुआ। पिछले तीन दिन में इसमें 236.95 अंक की गिरावट आ चुकी है।
सेंसेक्स के शेयरों में 2.67 प्रतिशत की गिरावट के साथ पावर ग्रिड सर्वाधिक नुकसान में रहा। इसके अलावा, एशियन पेंट्स, एक्सिस बैंक, कोटक बैंक, बजाज ऑटो, एसबीआई, कोटक बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और महिंद्रा एंड महिंद्रा में प्रमुख रूप से गिरावट रही। दूसरी तरफ, लाभ वाले शेयरों में बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस, एनटीपीसी, सन फार्मा, एचयूएल, टाइटन, एचडीएफसी, एचडीएफसी बैंक और डा. रेड्डीज शामिल हैं। इनमें 2.19 प्रतिशत तक की तेजी रही।कारोबारियों के अनुसार मासिक वायदा एवं विकल्प अनुबंधों के समाप्त होने के कारण भी बाजार में उतार-चढ़ाव रहा।
आशिका स्टॉक ब्रोकिंग के शोध प्रमुख (खुदरा) अरिजीत मलाकर ने कहा कि मासिक वायदा एवं विकल्प खंड में सौदों के निपटान के अंतिम दिन बाजार में नकारात्मक रुख रहा। चीन के मिले-जुले आर्थिक आंकड़े के साथ एशियाई बाजारों में मिश्रित रुख रहा। निवेशकों की नजर चीन के एवरग्रांड ग्रुप की स्थिति पर भी बनी हुई है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर अमेरिका में मुद्रास्फीति दबाव, बांड प्रतिफल बढ़ने, ऊर्जा संकट के कारण आपूर्ति संबंधी बाधाओं की चिंता आदि को लेकर निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर के अनुसार भारतीय बाजार स्थिर खुला और बाद में वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख तथा प्रमुख शेयरों में गिरावट के साथ नीचे आ गया। अमेरिका में बांड सीमा संकट और बांड प्रतिफल बढ़ने से भी बाजार पर प्रतिकूल असर पड़ा। अगस्त महीने के बुनियादी क्षेत्र उद्योगों की वृद्धि के आंकड़े जारी होने से पहले निवेशक सतर्क दिखें।