एक्सपर्ट से जानें ब्रेस्ट फीडिंग से जुड़े कुछ जरूरी सवाल और उनके जवाब
स्त्रियां के बीच स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से विश्व भर में 1 से 7 अगस्त तक ब्रेस्ट फीडिंग वीक मनाया जा रहा है। पहली बार मां बनने वाली स्त्रियों के मन में इससे जुड़े कई सवाल होते हैं, जिनके जवाब जानने के लिए पढ़ें यह लेख।
1. नवजात शिशु को यशाशीघ्र ब्रेस्ट फीडिंग कराने की सलाह क्यों दी जाती है?
शिशु के जन्म के बाद पहले दिन मां के स्तन से पीले रंग का गाढ़ा चिपचिपा पदार्थ निकलता है, जिसे कोलोस्ट्रम कहा जाता है। इसमें कई ऐसे एंटी बॉडीज़ मौजूद होते हैं, जो शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। इससे मां और बच्चे के बीच भावनात्मक बंधन भी मजबूत होता है।
2. लैक्टेशन पीरियड के दौरान स्त्रियों को कैसा आहार लेना चाहिए?
भोजन संतुलित और पौष्टिक होना चाहिए, जिसमें फल, सब्जियां, दाल और दूध को प्रमुखता से शामिल करना चाहिए। जीरा, अजवाइन और बड़ी इलायची जैसे मसालों को उबाल कर उनका पानी पीना भी मां और शिशु की सेहत के लिए फायदेमंद होता है।
अच्छी क्वालिटी के ब्रेस्ट पंप का इस्तेमाल पूरी तरह सुरक्षित होता है। उपयोग से पहले पंप को उबले पानी से स्टर्लाइज़ करना जरूरी है। इससे निकाले गए दूध को फ्रिज में 3 से 4 घंटे तक सुरक्षित रखा जा सकता है। दिन में एक बार ही इसका उपयोग पर्याप्त होता है। जरूरत पड़ने पर कामकाजी स्त्रियां ब्रेस्ट पंप का इस्तेमाल कर सकती हैं।
हां, यह सच है। इससे ब्रेस्ट कैंसर की आशंका कम हो जाती है।
5. ब्रेस्ट फीडिंग दो बच्चों के बीच अंतर बरकरार रखने में मददगार होता है?
जब तक कोई स्त्री शिशु को फीड कराती है, उसके कंसीव करने की संभावना नहीं होती, लेकिन इसे गर्भ निरोधक का विकल्प नहीं मानना चाहिए।
6. क्या सीजेरियन डिलीवरी के बाद मां का दूध सूख जाता है?
नहीं, यह एक भ्रामक धारणा है।
7. क्या शिशु को दूघ पिलाने की वजह से ब्रेस्ट का आकार बिगड़ जाता है?
यह बात कुछ हद तक सही है लेकिन सही फिटिंग और ब्रेस्ट को सपोर्ट देने वाली ब्रा पहनने से इसकी आशंका घट जाती है।