24 November, 2024 (Sunday)

पाकिस्‍तान की इंटरनेशनल बेइज्‍जती का बिहार के बक्‍सर से कनेक्‍शन! ट्विटर पर खूब मजे ले रहे लोग

बक्सर,  Pakistan PM Imran Khan Trolled on Twitter दहशतगर्दों को बढ़ावा देने वाले पाकिस्तान से हमारे रिश्ते ऐसे बन गए हैं कि उसकी किसी भी फजीहत पर यहां लोग मजे लेकर टीका-टिप्पणी करते हैं। नया मामला पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय बेइज्जती का है और जाने-अनजाने पड़ोसी की इस बेइज्जती से बक्सर का नाम जुड़ गया है। दरअसल, पाकिस्तान ने मैत्री उपहार के तहत दुनियाभर के देशों को चौसा प्रजाति के आम भेजे थे। खबरों के मुताबिक तकरीबन 35 देशों ने यह उपहार स्वीकार नहीं किया और उसे बैरंग वापस कर दिया। बक्‍सर के लोगों का कहना है कि पाकिस्‍तान की इमरान खान सरकार ने चौसा प्रजाति के जो आम भेजे थे, उनकी उत्‍पति बिहार के उनके जिले के चौसा में ही हुई है। यह वहीं जगह है जहां बादशाह हुमायूं को शेरशाह के हाथों शिकस्‍त खाने के बाद जान बचाने के लिए मुल्‍क छोड़कर भागना पड़ा था।

यहां समझ लीजिए क्‍या है पूरा मामला

यह मामला मीडिया में आते ही इंटरनेट मीडिया पर लोग पाकिस्तान पर तंज कसने लगे। बक्‍सर और इससे सटे यूपी के गाजीपुर, बलिया, बिहार के भोजपुर, रोहतास और कैमूर के लोग भी इस मामले में खूब मजे ले रहे हैं। दरअसल, आम का मौसम शुरू होने के बाद पिछले दिनों पाकिस्तान ने फलों के राजा आम के जरिए अपनी अंतरराष्ट्रीय छवि सुधारने की कोशिश की और कई देशों को अपने यहां पैदा होने वाले चौसा प्रजाति के आम भेजे। ‘द इंटरनेशनल न्यूज’ के मुताबिक पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी ने मैंगो-डिप्लोमेसी के तहत यह तोहफा भेजा था, लेकिन उसके जिगरी दोस्त चीन समेत अमेरिका, बांग्‍लादेश, नेपाल, कनाडा और श्रीलंका ने भी इसे लेने से मना कर दिया और आम से भरी पेटियों को लौटा दिया।

देखिए ट्विटर पर क्‍या कह रहे बक्‍सर के लोग

पाकिस्‍तान के आम लौटाने के पीछे इन देशों ने इसके लिए अपने यहां लागू कोरोना क्वारंटाइन नियम का हवाला दिया। इंटरनेट मीडिया पर जैसे ही यह खबर वायरल हुई, बक्सर और बिहार से जुड़े यूजर इस पर अपनी प्रतिक्रिया देने लगे। ट्विटर पर एक यूजर शक्ति तिवारी लिखते हैं कि असली चौसा आम तो बक्सर और गाजीपुर जिले में होते हैं, जिसके पौधे पहले यहीं से पाकिस्तान के मुल्तान में भेजे गए थे, पाकिस्तान की विदेश नीति भी भारत पर आश्रित निकली।

मयंक ने लिखा- लगता है चीन की तरह नकली आम बनाने लगे

ट्विटर यूजर सादाब आलम लिखते हैं, कंगाल हो चुके पाकिस्तान को विभिन्न देशों ने शायद यह सोचकर आम लौटा दिए कि आप इसको बेचकर उनका कर्ज उतार दीजिएगा। यूजर मयंक त्रिवेदी ने ट्विटर पर लिखा है कि चौसा लंगड़ा आम तो जुलाई में आता है, पाकिस्तान ने जून में ही चौसा आम कहां से भेज दिए, लगता है चीन की संगत में पाकिस्तान भी नकली माल बनाने लगा है। कई अन्य उपयोगकर्ताओं ने भी मजे लेते हुए टिप्पणी की है।

बक्सर से हुई चौसा प्रजाति के आम की उत्पत्ति

सुनहरे पीले रंग की चौसा प्रजाति का आम रेशारहित खास स्वाद और मिठास के लिए जाना जाता है। दावा किया जाता है कि बक्सर जिले के चौसा से इस प्रजाति के आम की उत्पत्ति हुई। आजादी से कई साल पहले अखंड भारत के समय यहीं से इस प्रजाति के आम के पौधे आज के पाकिस्तान समेत देशभर में गए। हालांकि, अभी चौसा में इसकी पैदावार बहुत कम हो गई है, वहीं उत्‍तर प्रदेश के सहारनपुर, हरदोई और अमरोहा आदि क्षेत्रों यह खूब उपजता है।

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