23 November, 2024 (Saturday)

जूनटींथ पर नेशनल हॉलीडे घोषित, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने पास किया कानून; जानें क्या है इस दिन का इतिहास

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने गुरुवार को 19 जून यानी जूनटींथ को नेशनल हॉलीडे के रूप में स्थापित करने वाले कानून का पारित कर दिया है। इस साल यह शनिवार को पड़ रहा है इसलिए सरकारी कर्मचारी शुक्रवार को अवकाश पर रहेंगे। काफी दिनों से इस बिल को लाने की मांग चल रही थी। अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के बाद ब्लैक लाइव्स मैटर विरोध के बाद इस कानून को लेकर मांग और ज्यादा बढ़ने लगी थी।

इससे पहले सीनेट द्वारा सर्वसम्मति से कानून पारित करने के बाद सदन ने बिल को 415-14 वोटों के साथ पारित किया। द हिल के मुताबिक, जो बाइडन ने व्हाइट हाउस में एक हस्ताक्षर समारोह में कहा, ‘महान राष्ट्र अपने सबसे दर्दनाक क्षणों को अनदेखा नहीं करते हैं… वे उन्हें गले लगाते हैं। महान राष्ट्र दूर नहीं भागते बल्कि अपनी गलतियों को स्वीकार करते हैं। उन क्षणों को याद करते हुए, हम ठीक होने लगते हैं और मजबूत हो जाते हैं।’

उन्होंने आगे कहा, ‘सच बात यह है कि, जूनटींथ को मनाने के लिए इतना काफी नहीं है। अब तक गुलाम अश्वेत अमेरिकियों की मुक्ति ने समानता के वादे को पूरा करने के लिए अमेरिका के काम के अंत को चिह्नित नहीं किया, अभी तो यह केवल शुरुआत है। जूनटींथ के दिन के सही अर्थ का सम्मान करने के लिए, हमें उस वादे को जारी रखना होगा क्योंकि हम अभी तक वहां नहीं पहुंचे हैं।’

बता दें कि 19 जून, 1865 को, गृहयुद्ध समाप्त होने के दो महीने बाद, विजयी संघ की ओर से मेजर जनरल गॉर्डन ग्रेंजर, गैल्वेस्टन, टेक्सास पहुंचे, और अमेरिकी धरती पर अंतिम गुलाम लोगों को मुक्त करने का आदेश जारी किया।

मालूम हो कि इससे पहले अमेरिका के कई राज्यों और डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया में ‘जूनटींथ’ को आधिकारिक तौर पर मनाया जाता था लेकिन नागरिक अधिकारों के संगठनों की सालों की पैरवी के बावजूद 19 जून राष्ट्रीय अवकाश नहीं बन पाया था।

अमेरिका का पुराना जूनटींथ त्योहार देश में दो दशकों से अधिक समय की दास प्रथा खत्म होने का प्रतीक है। इसकी शुरुआत 19 जून 1866 से हुई थी। इसे यह नाम 19 तारीख और जून महीने को मिलाकर दिया गया है। इसी तारीख को अमेरिका में दास प्रथा खत्म हुई था। इसे मुक्ति दिवस और स्वतंत्रता दिवस के रूप में जाना जाता है। पूर्व राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन (Abrahm Lincon) ने मुक्ति प्रस्तावना जारी की थी। उन्होंने सभी दासों को औपचारिक तौर पर दो साल पहले ही मुक्त कर दिया था।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *