Eid-Ul-Fitr: कल नहीं दिखा चांद, अब जुमे के दिन 14 मई को मनाई जाएगी ईद
रमजान का महीना खत्म होने पर ईद मनाई जाती है। इस दिन विश्व भर के मुसलमान सुबह मस्जिदों में विशेष इबादत करते हैं। इस ईद को ईद-उल-फितर के नाम से भी जाना जाता है। वहीं कुछ लोग इस त्योहार को मीठी ईद के नाम से भी जानते हैं। इस त्यौहार पर खासतौर पर सेवईयां और कई मिठाइयां बनाई जाती और बांटी जाती हैं। इस साल यह त्यौहार 14 मई को मनाया जाएगा।
आपको बता दें कि, ईद मनाने की तारीख चांद दिखने के हिसाब से ही तय होती है। जिस दिन चांद दिखता है उस दिन लोग एक दूसरे को चांद मुबारक कहकर बधाई देते हैं। इस बार 12 मई को चांद दिखने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके बाद स्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया फिरंगी महल लखनऊ ने 14 तारीख को ईद मनाने का ऐलान किया है।
ईद जुमे की नमाज
इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार शव्वाल दसवां महीना होता है, जिसमें ईद मनाई जाती है और नौवा महीना, जिसमें रोजे रखे जाते हैं। इस वजह से नौवां महीना खत्म होने के बाद जो ईद का चांद दिखाई देता है, उसे शव्वाल का चांद कहते हैं। फिलहाल 12 मई को चांद नहीं दिखने से अब ईद जुमे की नमाज 14 मई को मनाई जाएगी।
कोरोना में अपील
ईद के दिन लोग सुबह जल्दी उठकर फज्र की नमाज अदा करते हैं। इसके बाद बधाईयों का सिलसिला शुरू हो जाता है। इस दौरान लोग एक दूसरे को गले मिलकर ईद की बधाई देते हैं। हालांकि कोरोना काल को ध्यान में रखते हुए इस बार गले न मिलने और एक दूसरे के घर जाकर बधाई न देने की अपील की जा रही है।
चांद दिखने का अलग- अलग समय
दुनिया भर में ईद की तारीखें अलग-अलग हो सकती हैं, लेकिन सभी जगह ईद चांद देखकर ही मनाई जाती है। बिना चांद देखे ईद का त्योहार अधूरा सा होता है। दुनिया भर के देशों में मौसम के हिसाब से चांद की दशा अलग होती है। इस वजह से हर देश में चांद के दिखाई देने का समय अलग होता है, लेकिन सभी जगह ईद साथ में ही मनाई जाती है। ज्यादातर देशों में ईद के त्योहार में 24 घंटे से ज्यादा अंतर नहीं होता। बता दें इस विशेष त्योहार के लिए कई कमेटियों का गठन किया जाता है, जो चांद देखने के लिए जिम्मेदार होती हैं।