रिजर्व बैंक ने मोबिक्विक को दिया डाटा लीक की जांच करने का आदेश, खामी पर कंपनी भरेगी जुर्माना
भारतीय रिजर्व बैंक ने डिजिटल पेमेंट कंपनी मोबिक्विक को उसके 11 करोड़ यूजर्स के डाटा लीक के आरोपों की जांच करने का आदेश दिया है। साथ ही चेतावनी दी है कि अगर खामियां पाई गईं तो कंपनी को जुर्माना भरना पड़ेगा। सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
सिकोइया कैपिटल और बजाज फाइनेंस द्वारा प्रवर्तित मोबिक्विक को इस हफ्ते डाटा लीक से इन्कार करने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है जबकि डिजिटल अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि कथित लीक कंपनी के डाटाबेस से जुड़ी है।
सूत्रों का कहना है कि कंपनी की शुरुआती प्रतिक्रिया से रिजर्व बैंक खुश नहीं है और उसे तत्काल कार्रवाई करने के लिए कहा है। केंद्रीय बैंक ने मोबिक्विक को एक्सटर्नल आडिटर से फोरेंसिक आडिट कराने का आदेश दिया है। हालांकि रिजर्व बैंक ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की।
केंद्रीय बैंक के पास ऐसे मामलों में पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर पर न्यूनतम पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाने का अधिकार है। मालूम हो कि लीक उजागर करने वाले सुरक्षा शोधकर्ताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की धमकी देने के लिए भी मोबिक्विक को आक्रोश का सामना करना पड़ा है।