सुप्रीम कोर्ट ने होली के दिन भी की मामले की सुनवाई, आरोपित को दी अग्रिम जमानत
होली के दिन सोमवार को अवकाश होने के बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई की। अदालत ने इस दिन गोवा के एक व्यक्ति को अग्रिम जमानत दी। यह व्यक्ति पिछले साल दिल्ली में हुए दुष्कर्म के एक मामले में आरोपित है। न्यायमूर्ति अशोक भूषण और एस अब्दुल नजीर की अवकाशकालीन पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता जुड लोबो का पहली नजर में अग्रिम जमानत का मामला बनता है।
याचिकाकर्ता ने 26 मार्च के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने लोबो की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। याचिकाकर्ता की ओर से उच्चतम न्यायालय में दलील देते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि गोवा में लोबो के पास एक रेस्तरां है। उन्होंने पिछले साल दिसंबर में याचिकाकर्ता और कथित पीडि़ता के बीच वाट्सएप चैट का भी हवाला दिया।
उच्चतम न्यायालय की पीठ ने अपने आदेश में कहा, हम इस बात से संतुष्ट हैं कि पहली नजर में यह अग्रिम जमानत का मामला बनता है। हम आदेश देते हैं कि यदि याचिकाकर्ता को गिरफ्तार किया जाता है तो उसे 10,000 रुपये के निजी मुचलके पर रिहा कर दिया जाए। अदालत ने याचिकाकर्ता को जांच में सहयोग करने का भी निर्देश दिया।