23 November, 2024 (Saturday)

कई क्रेडिट कार्ड रखने पर हो सकती है परेशानी, CIBIL स्कोर भी हो सकता है प्रभावित: जानिए बचने के उपाय

शहरी क्षेत्रों खासकर ऊपरी-मध्यम वर्ग और उच्च-वर्ग की आबादी में कई क्रेडिट कार्ड रखना आम हो गया है। एक से ज्यादा क्रेडिट कार्ड रखने पर CIBIL या क्रेडिट स्कोर कई बार खराब हो सकता है लेकिन इसकी वजह भी है। विशेषज्ञों के अनुसार, कई कार्ड होने से CIBIL प्रभावित नहीं हो सकता है। हालांकि, कर्ज चुकौती में कमी, क्रेडिट सीमा का पूरा उपयोग करने पर इसका असर पड़ सकता है।

CIBIL या क्रेडिट स्कोर मूल रूप से 300 और 900 के बीच की संख्या है, जिसकी गणना भारत में क्रेडिट सूचना कंपनियों द्वारा की जाती है। यदि किसी का क्रेडिट स्कोर 750 से ऊपर है, तो इसे एक उत्कृष्ट और अच्छा स्कोर माना जाता है और उधारकर्ता को क्रेडिट योग्य माना जाता है। 650 से 750 के बीच का स्कोर एक औसत और उचित स्कोर है और 650 से नीचे का स्कोर है, जिसपर कर्ज मिलना मुश्किल है। आमतौर पर 750 और उससे अधिक के क्रेडिट स्कोर वाले आवेदकों को लोन मिलने की संभावना ज्यादा होती है, क्योंकि उन्हें वित्तीय रूप से अधिक अनुशासित माना जाता है।

CIBIL स्कोर का मूल्यांकन और निर्धारण एक जटिल गणितीय सूत्र के माध्यम से किया जाता है जो क्रेडिट हिस्ट्री, रीपेमेंट हिस्ट्री, उपयोग, पूछताछ की संख्या और क्रेडिट मिश्रण आदि जैसे कई मापदंडों पर आधारित होता है। इन कारकों को बनाए रखने के लिए क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। जहां ग्राहक जॉइंट होल्डर है वहां लोन के लिए किए गए रीपेमेंट की निगरानी करना महत्वपूर्ण है। ग्राहक जॉइंट लोन पर ईएमआई भुगतान करने के लिए समान रूप से जिम्मेदार है और इसका क्रेडिट स्कोर पर सीधा असर पड़ता है।

ध्यान दें कि रीपेमेंट हिस्ट्री CIBIL स्कोर को आकार देने में महत्वपूर्ण कारकों में से एक है। क्रेडिट के रीपेमेंट के संबंध में अनुशासन बनाना महत्वपूर्ण है। देय तारीख से पहले ईएमआई और क्रेडिट कार्ड बकाया का भुगतान कर देना चाहिए। ग्राहक को एक अच्छा क्रेडिट हिस्ट्री बनाना चाहिए, जिसमें विभिन्न प्रकार के क्रेडिट, अल्पावधि या दीर्घकालिक सुरक्षित ट्रैक को दिखाना चाहिए जिससे पता चले कि ग्राहक भविष्य में लोन भर सकता है।

कई उधारदाताओं और ऑनलाइन वित्तीय बाजारों ने आपके क्रेडिट स्कोर के आधार पर प्री-अप्रूव्ड लोन की पेशकश करते हैं। ऐसे प्री-अप्रूव्ड लोन या कार्ड ऑफ़र में कम ब्याज दर, बेहतर उत्पाद सुविधाएं और जल्द प्रोसेसिंग टाइम जैसे लाभ शामिल हो सकते हैं।

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