शंभू बॉर्डर पर रिटायर्ड फौजी व्यापारी, अन्य राज्यों के लोगों का किसानों को समर्थन
पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर एमएसपी खरीद के गारंटी कानून सहित अन्य मांगों को लेकर चल रहे किसान आंदोलन के 17 दिन पूरे हो गए हैं। बुधवार देर रात्रि एफआईआर दर्ज होने के बाद पटियाला के राजिन्द्रा अस्पताल में डॉक्टरों के बोर्ड ने खनौरी बॉर्डर पर शहीद शुभकरण के शव का पोस्टमार्टम किया और बठिंडा के गांव बल्लो में किसानों द्वारा श्रद्धांजलि देकर अंतिम संस्कार किया गया।
इसके चलते वीरवार सारा दिन शंभू बॉर्डर पर गहमा-गहमी रही व भारी भीड़ पहुंची। इतना ही नहीं महिलाएं, बच्चे व बुजुर्ग भी केंद्र व हरियाणा सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते नजर आए। शंभू बॉर्डर पर ही वीरवार को रिटायर्ड फौजी, आढ़ती, व्यापारी व अन्य प्रदेशों से भी लोग पहुंचे।
शुभकरण के अंतिम संस्कार के चलते शंभू बॉर्डर पर सुबह होने वाली मीटिंग देर शाम के लिए टाल दी गई क्योंकि प्रमुख लीडरशिप बठिंडा में मौजूद रही। दिल्ली कूच का फैसला देर रात्रि तक घोषित होने की बात वहां पर मौजूद कुछ किसान नेता कह रहे हैं।