खुशखबरी ! मेडिकल स्टाफ और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मिलेगा 25% अतिरिक्त मानदेय : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि अस्पतालों में काम कर रहे चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ को कोविड सेवा के दिवसों के लिए वर्तमान वेतन-मानदेय का 25 फीसदी अतिरिक्त देय होगा। इसी तरह कोविड से संबंधित कार्यों में संलग्न सभी स्वास्थ्य कर्मियों, चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ, हाउसकीपिंग स्टाफ, स्वच्छता कर्मी, आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं आदि को प्रोत्साहन स्वरूप अतिरिक्त मानदेय प्रदान करेगी।
इसी प्रकार अन्य कोरोना वॉरियर्स के लिए भी अतिरिक्त मानदेय प्रदान किया जाएगा। यह अतिरिक्त मानदेय ड्यूटी के उपरांत इनके आइसोलेशन अवधि के लिए भी दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मेडिकल व नर्सिंग अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं की सेवाएं भी कोविड सेवा कार्य में ली जाएंगी। सेवानिवृत्त स्वास्थ्य कर्मियों, अनुभवी चिकित्सकों, एक्स सर्विस मैन के अनुभवों का भी लाभ लिया जाए। उन्हें भी कोविड कार्य से जोड़ा जाए। सभी को नियमानुसार मानदेय प्रदान किया जाएगा। इस संबंध में यथाशीघ्र आदेश जारी कर दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने सोमवार को कोविड-19 को रोकने के लिए बनी टीम 9 की बैठक में यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति बेहतर करने के लिए सभी जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं। रविवार को सवा सात सौ मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति हुई है। ऑक्सीजन ऑडिट की प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर अनावश्यक खपत में कमी आई है। नाइट्रोजन प्लांट में तकनीकी परिवर्तन करके उस से ऑक्सीजन गैस बनाने कीकी भी कार्यवाही की जा रही है। अगले एक-दो दिन के भीतर जामनगर (गुजरात) से 40 टन ऑक्सीजन के साथ ऑक्सीजन एक्सप्रेस आएगी। इसी प्रकार, जमशेदपुर से 10 टैंकरों वाली एक ट्रेन यूपी पहुंच रही है। पश्चिम बंगाल से भी टैंकर से ऑक्सीजन की आपूर्ति हो रही है।
कमांड सेंटर को सभी जिलों में और प्रभावी बनाया जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर मरीज के परिजनों के साथ संवेदनशील व्यवहार किया जाना अपेक्षित है। हमारा सहयोगपूर्ण रवैया परिजन के लिए इस आपदाकाल में बड़ा सम्बल होगा। यदि कोई व्यक्ति किसी मरीज़ के लिए ऑक्सीजन सिलिंडर की रीफिलिंग के लिए जा रहा है तो उसे यथासंभव सहयोग करे उसे रोका न जाए। कोविड प्रबंधन में इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर की भूमिका रीढ़ की तरह है। सभी जिलों में इसे और प्रभावी बनाने की जरूरत है। स्वास्थ्य राज्य मंत्री लखनऊ के आइसीसीसी का औचक निरीक्षण कर व्यवस्था की पड़ताल करें।