सीतारमण ने योजनाओं की प्रगति का जायजा लिया
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तीन आत्मनिर्भर भारत पैकेज (एएनबीपी) के तहत विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। कोविड-19 महामारी से बुरी तरह प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए सरकार ने इन पैकेज की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद वित्त मंत्री ने 13 मई से 17 मई के दौरान आयोजित कई संवाददाता सम्मेलनों में एएनबीपी 1.0 की घोषणा की थी। उसके बाद 12 अक्टूबर को पैकेज 2.0 और 12 नवंबर को तीसरे पैकेज की घोषणा की गई।
सीतारमण ने शुक्रवार को विभिन्न मंत्रालयों तथा संबंधित विभागों के सचिवों के साथ तीन दिन के दौरान एएनबीपी की वृहद समीक्षा पूरी की। वित्त मंत्रालय ने रविवार को बयान में यह जानकारी दी। एएनबीपी के तहत विभिन्न योजनाओं की प्रगति का ब्योरा साझा करते हुए कहा गया है कि बैंकों ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएमएमई) के लिए तीन लाख करोड़ रुपये की आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत करीब 81 लाख खातों को 2,05,563 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया है। करीब 40 लाख एमएसएमई खातों को चार दिसंबर तक 1,58,626 करोड़ रुपये का ऋण प्राप्त हो चुका है। पिछले महीने आत्मनिर्भर भारत पैकेज 3.0 की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा था कि ईसीएलजीएस 1.0 के तहत 2.05 लाख करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया गया है। इसमें से 1.52 लाख करोड़ रुपये का ऋण दिया जा चुका है। इसके बाद 12 नवंबर को घोषित आत्मनिर्भर भारत अभियान 2.0 के तहत ईसीएलजीएस योजना का विस्तार ईसीएलजीएस 2.0 के तहत 26 दबाव वाले क्षेत्रों और स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र के लिए किया गया। ईसीएलजीएस 2.0 के तहत ऐसी इकाइयां जिनका बकाया ऋण 29 फरवरी, 2020 तक 50 करोड़ रुपये से अधिक और 500 करोड़ रुपये से तक है और जो 29 फरवरी, 2020 तक पिछले 30 दिन के बकाया के बराबर या उससे कम है, इस योजना के पात्र हैं। ईसीएलजीएस 2.0 के तहत उपलब्ध कराए गए कर्ज की अवधि पांच साल की होगी। इसमें मूल राशि के भुगतान की 12 माह तक छूट होगी। समूची योजना 31 मार्च, 2021 तक के लिए वैध है। अन्य योजनाओं की प्रगति पर वित्त मंत्रालय ने कहा कि 1,500 करोड़ रुपये की मुद्रा-शिशु ऋण के तहत ब्याज सहायता के रूप में भारतीय राष्ट्रीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) को 775 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत 1.69 करोड़ किसानों को लाभ मिला है। चार दिसंबर, 2020 तक उन्हें 1.54 लाख करोड़ रुपये की ऋण सीमा मंजूर की गई है।